गिरिराज का विधिपूर्वक पूजन कर सभी कृष्ण के साथ लौट आये व्रज में। गिरिराज का विधिपूर्वक पूजन कर सभी कृष्ण के साथ लौट आये व्रज में।
बस अविरल बिना थमे चलती रही पारदर्शी तेरा जल,दुनिया से कुछ भी न छुपाती आदिदेव की जटा में बंध कर... बस अविरल बिना थमे चलती रही पारदर्शी तेरा जल,दुनिया से कुछ भी न छुपाती आदिद...
आँखें पत्थर ज़ुबान खामोश रिश्ते आकर आवाज़ लगाये जा रहे हैं... आँखें पत्थर ज़ुबान खामोश रिश्ते आकर आवाज़ लगाये जा रहे हैं...
फक़त इंतज़ार ही करता रह गया ! फक़त इंतज़ार ही करता रह गया !
मै थामती चली जा रही हूं और मेरी जिंदगी अंजुली भरे रेत की तरह धीरे धीरे झरती चली जा रही मै थामती चली जा रही हूं और मेरी जिंदगी अंजुली भरे रेत की तरह धीरे धीरे झरती ...
हाँ, वही बूँद बारिश की हाँ, वही बूँद बारिश की